नमस्कार बंधुजन,
आज हम साथ आये है एक नए विषय पर जहा अपने सेहत (Health) को लेकर संवेदनशील रहनेवाले (Health Conscious) हर क्लास से लेकर अप्पर क्लास के फैमिलीज़ की लाइफस्टाइल को आरोग्य के प्रति संवेदनशीलता को पूर्ण रूप से जागरूक बना सके। हम सभी जानते है की अगर ज़िन्दगी के हर पल का मजा लेने के लिए एक अच्छी सेहत होनी काफी ज़रूरी है।
देखा जाये तो हमारी भागदौड़ की ज़िन्दगी में अपनी सेहत का ख्याल रखना पहले से काफी हद तक आसान और उतना ही मुश्किल भी हो गया है। आप सोच रहे होंगे आसान और मुश्किल एकसाथ कैसे हो सकता है ; लेकिन बंधुजन यह सच है क्योंकि अगर आप गौर करे की लोगोंकी आमदनी पहले से ज्यादा थोड़ी बढ़ गयी है तो प्रभावी तथा महंगे इलाज तक पहुंच बना रहे है। साथ ही में इंटरनेट की वजह से काफी लोग अपनी सेहत के बारे में जागरूक होते जा रहे है। विविध एप (Apps) और वेबसाइट और हेल्थ आर्टिकल्स के द्वारा नयी और पुरानी बिमारी के बारे में समय पर संज्ञान हो जाता है तथा उनकी गंभीरता को जानकर समय पर इलाज होना संभव हो गया है। आज हमें दवाएं (Medicines) , ऑर्गेनिक सब्जी (Organic Vegies), डाइट फ्रूट (Diet Fruits) इन जैसी सेहत से जुडी उत्पाद की खरीददारी करने केलिए अब बाजार जाना नहीं पड़ता जबकि ये सब हमें घर बैठे इंटरनेट पे ही ऑनलाइन ऑर्डर (Online Order) कर सकते है। तभी सेहत के प्रति संवेदनशील होने पर भी बढ़ती आमदनी के चलते काम की व्यस्तता (Work Load) पहलेसे ज्यादा बढ़ गयी है। साथ ही काम और जिम्मेदारियों का तनाव (Depression) असहनीय हो गया है जिससे काफी तरह की बिमारिया सेहतमंद जिंन्दगी के दरवाजे पर आने को है। हमारे पास इंटरनेट की सुविधा होने पर भी उसका वक्त की कमी के चलते उपरी लिखित तरीकेसे उपयोग नहीं कर पा रहे है। इसीलिए अपनी सेहत का ख्याल रखना पहले से काफी हद तक आसान और उतना ही मुश्किल भी हो गया है।
आज हम आपको इंसान के बेहद जरुरी अंग याने के दिल (Heart) और फेफड़े (Lungs) से जुड़े बिमारियों (Heart Disease & Lungs Infections) से बचाव के विषय सावधान करेंगे जो मनुष्य के सेहतमंद ज़िन्दगी और दीर्घायु को गहरे तरीकेसे प्रभावित करती है।
जैसे की आप सभी जानते है के दिल और फेफड़े की बीमारिया (Heart Disease & Lungs Infections) होने की कई वजहें है जिन्हे आज भी मेडिकल सायन्स पूरी तरह से नहीं जान पायी है। इतना ही नहीं यह सारी बिमारिया अघोषित याने Unpredictable है याने के यह कब और कैसे आप में उपज आ जाये कोई नहीं कह सकता। लेकिन सामने आनेवाले सेहत की दिक्कतों को समय समय पर निवारित करनेसे तथा अपने खान पान का सही ध्यान रखने से इसके खतरोंको कम किया जा सकता है।
ऐसे परिस्थिति में हम आपको कुछ उपकरणोंको (Gadgets) प्रस्तुत करना चाहते है जो आपको दिल और फेफड़े की Unpredictable बिमारियों (Heart Disease & Lungs Infections) से प्रभावित होने की हर गुंन्जाइश को या संभावना को पूरी तरह से ख़त्म कर दे।
हालाँकि हमारे घरो में हर तरह के उपकरण उपलब्ध होते है जो हमारी घरी की शोभा भी बढ़ाते है और हमारा स्टेटस भी...मगर कुछ उपकरण की उपयोगिता हम जाने बिना ही उन्हें लेने से परहेज करते है। हमने उनके बारे में सुना तो होता है पर यह सोच कर टाल देते है की उसका हमें उतना जरुरी नहीं है और यह एक गलत खरीददारी (Dead Investment) होगी। परन्तु स्वास्थ्य को लक्ष्य बनाते हुए मार्केट में लाये गए हर उपकरण को एक बार अच्छे से जानना जरुरी है।
जैसे की
१. वॉटर प्यूरीफायर (Water Purifier) :
स्वच्छ पानी हमारी प्यास बुझानेके साथ साथ हमारे शरीर में मौजूद रासायनिक संतुलन को स्थिर रखने में महत्वपूर्ण भूमिका रखता है। जिससे हमारी शरीरिकक क्रिया (Body Functions) सुचारु रूप से कार्यान्वित रहती है जिसके चलते हमारी अच्छी सेहत बनी रहती है। स्वच्छ पानी हमारे शरीर के ऊर्जा स्त्रोत का प्रमुख घटक भी है। स्वच्छ पानी के आभाव में उपरोक्त श्रृंखला टूटकर सेहत पर बुरे और गंभीर प्रभाव देखे जाते है। हमारे देश में पिने के पानी की उपलब्धता सार्वजानिक व्यवस्था (Public Water System) के द्वारा किया जाता है। इससे प्राप्त पानी मोटे तौर पर साफ तो होता है लेकिन वह पिने योग्य परिष्कृत (Purified) नहीं होता। इस पानी का सूक्ष्म निरिक्षण से ज्ञात हुआ है कि शहरी प्रभाग (Urban Area) से लेकर ग्रामीण प्रभाग (Rural Area) तक अलग अलग स्तर पर पानी विविध प्रदूषकोंद्वारा प्रदूषित होता है। इस जलप्रदुषण का कारण न सिर्फ भूमि प्रदुषण है बल्कि वायु प्रदुषण तथा मानव हस्तक्षेप (Human Error & Interference) भी है। शहरी प्रभाग में उपलब्ध पानी में फ़िल्टर करने के बाद भी बड़ी मात्रा में क्लोरीन (Chlorine) होता है जो दूषित पानी साफ करनेकेलिए उपयोग किया जाता है। साथ ही इस पानी में क्षार, हेवी मेटल्स (Heavy Metals) जैसे अमोनिआ, अर्सेनिक, बोरियम, क्रोमियम, कैडमियम, कैल्शियम, लीड, मर्क्युरी, निकल, नाइट्रेट, सोडियम और Cryptosporidium, Escherichia coli, Giardia, Legionella, Pesticide, Pseudomonas जैसे विषाणु (Bacteria & Microorganisms) पाए गए है। ग्रामीण भाग के जल व्यवस्था की बात करें तो पानी का स्त्रोत नदी, तालाब और कुआँ होता है; जहा से इसे उठाकर फ़िल्टर प्लांट द्वारा साफ पानी में बदल दिया जाता है। इस पानी में भी बड़ी मात्रा में क्लोरीन और क्षार पाया गया है। साथ ही इसमें ग्रामीण प्रभाग होने के कारन कीटनाशक तथा उर्वरक (Pesticides & Fertilizers), फ्लूरोइड, सेंद्रिय उत्सर्जित घटक (Organic Waste) और मिनरल्स (Minerals) का अत्यधिक प्रमाण प्राथमिकता से पाया जाता है तो उपरोक्त हेवी मेटल्स (Heavy Metals) कम - अधिक स्तर में पाए गए है। जल प्राधिकरण की और से उपलब्ध किया गया पानी साफ तो होता है जिसमे काफी सरे प्रदूषकोंको हटाया जाता है लेकिन फिर भी उपरोक्त प्रदूषक छूट जाते है क्योंकि इतना पानी पूर्ण रूपेण परिष्कृत करनेकेलिए बड़ी व्यवस्था तथा समय की आवश्यकता होती है जो उनके पास नहीं होता। अशुद्ध पानी एक तरह से दूषित पानी ही होता है। पानी में पाया जाने वाला क्लोरीन, कैडमियम, मर्क्युरी, निकल, नाइट्रेट यह हेवी मेटल्स इंसान के फेफडोंकेलिए तीव्रतम स्तर तक हानिकारक होते है। इसलिए आपके घर में एक वॉटर प्यूरीफायर (Water Purifier) होना बेहद जरुरी है। जिसके द्वारा आपके घरमें उपलब्ध पानी को पूर्ण रूपेण परिष्कृत किया जा सके और आपको शब्दशः स्वच्छ पानी (Actual Purified Water) मिल सके। वॉटर प्यूरीफायर (Water Purifier) में मौजूद RO (Reverse Osmosis) तंत्र एक तरह की छलनी होती है जो बेहद छोटे छोटे दर्रों से पानी को छाल लेती है। जिससे उपरोक्त सारे प्रदूषक पानी से बहार किये जाते है। हालाँकि यह सच है के इसके साथ पानी में मौजूद विटामिन्स और मिनरल्स भी इस प्रक्रियाद्वारा कम हो जाते है लेकिन वॉटर प्यूरीफायर (Water Purifier) में लगे मिनरल फ़िल्टर (Mineral Membrane) इन खोये हुए मिनरल्स के प्रमाण को पुनः संतुलित स्तर में स्थापित कर देती है। आखरी पड़ाव में पानी में मौजूद विषाणुओंको UV Rays द्वारा ख़त्म किया जाता है जिससे पानी के शुद्धता का स्तर सुनिश्चित हो जाता है। वॉटर प्यूरीफायर (Water Purifier) हर स्तर के घर केलिए हर तरीकेसे उपयुक्त उपकरण है जिसे किसी भी हाल में नजरअन्दाज नहीं किया जा सकता। बाजार में वॉटर प्यूरीफायर (Water Purifier) ७०००/- से लेकर ४२०००/- तक उपलब्ध होते है जिसमे RO Reverse Osmosis टेक्नोलॉजी के साथ कई और तंत्र समावेशित होते है। लेकिन एक सही वॉटर प्यूरीफायर (Water Purifier) में RO Reverse Osmosis टेक्नोलॉजी के साथ एक कार्बन फ़िल्टर, मिनरल फ़िल्टर और एक UV फ़िल्टर होना प्राथमिकता के आधार पर अनिवार्य है। उपरोक्त टेक्नोलॉजी से लैस वॉटर प्यूरीफायर (Water Purifier) हर प्रभाग के पानी को शुद्ध रखने केलिए पूर्ण रूप से सक्षम होता है तथा यह किफायती भी होता है जो ८५००/- से १००००/- मूल्य में उपलब्ध हो सकता है। इस उत्पाद को चुनते समय ब्रांड (Brand) केद्वारा आपके क्षेत्र में विक्री पश्चात सेवा (Post Sales Service) की उपलब्धता को ध्यान में रखके प्राथमिकता दी जाये। अगर कोई लोकल ब्रांड आपको विक्री पश्चात सेवा की गारण्टी देता है तो उसे चुनने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। अपने वॉटर प्यूरीफायर (Water Purifier) को साल में तीन बार सर्विस करना जरुरी है। जिसका खर्चा ७०० रुपये तक जाता है।
2. किचन चिमनी (Kitchen Chimney) :
घर के सदस्यों केलिए खाना बनाने के तौर पे महिला वर्ग सबसे ज्यादा समय किचन में बिताती है। अभ्यासानुसार एक महिला एक हफ्ते में कम से कम १४ घंटे और अपनी ज़िन्दगी का ३२% हिस्सा किचन में बिताती है। ऐसे में महिलाये काफी समय तक खाने की सामग्रीसे निकली स्मोग के संपर्क में आती है जिसमे एलपीजी गैस के ज्वलन से निर्मित कार्बोन मोनोऑक्सीडी जैसे घातक वायु तथा खाने की सामग्रीसे उत्सर्जित ताप वायु , फोग डस्ट और अमोनिआ जैसे कई वायुका समावेश होता है। जीसके लम्बे समय तक और रोजाना तौर पे संपर्क में आने से आपके दिल के फेफड़ों में इन्फेक्शन का खतरे की संभावना बढ़ जाती है। परिणामत: महिलाओंको और घर के सदस्योंको साँस लेने में तकलीफ, प्रदूषकोंका छाती में जमाव होना , अस्थमा , गले और फेफडोंका का इन्फेक्शन , दृष्टी दोष जैसी समस्याएं निर्माण हो सकती है। आप ही सोचिए के आप को यह मंजूर है के जो आपके लिए इतने मेहनत और प्यार से खाना परोंसे उसे इन दिक्कतोंका सामना करना पड़े. ? इस समस्या से आप किचन चिमनी (Kitchen Chimney) द्वारा दूर कर सकते है। बहुत सरे घरो में Exhaust Fan होते है लेकिन यह फैन अपेक्षाकृत सक्षम नहीं होते; भारी कण और प्रदूषकोंको खिंचने में यह असफल रहते है। ब्रांडेड किचन चिमनी (Kitchen Chimney) अपनी ब्रांड वैल्यू , बिल्ड क्वालिटी तथा विक्री पश्चात सेवा की वजह से महंगी तो होती है लेकिंन हम अपनी जरुरत और आय के अनुसार इसे खरीद सकते है। इसमें सिर्फ आपको यह देखना है के उसका व्यास कम से कम २ फिट हो तथा उसकी ध्वनि प्रदुषण ६० डेसीबल से ज्यादा न हो और उसमे उपयोग की जानेवाली सक्शन मोटर कम से कम 1200 M३ /hr क्षमता की हो।
3. वैक्यूम क्लीनर (Vacuum Cleaner) :
काफी लोग इसे खरीदने की सोचते भी नही क्योंकि उन्हें लगता है कि वैक्यूम क्लीनर (Vacuum Cleaner) सिर्फ बड़े और ज्यादा रूम एरियावाले घरोंमे ही उपयोग किया जा सकता है। इतना ही नहीं यह बहुत महंगा और बड़े लोगोंके कामचोरी और दिखावे के चौचले होने के भी दावे किये जाते है। दोस्तों लेकिन अभी यह दावे समय के साथ बेकार हो गए है। हेल्थ सायन्स की माने तो घर में पाए जाने वाली धुल (Household Dust Particle) भी एयर पॉल्युशन का प्रभावी रूप है जो गांव से लेकर शहर तक के घरों में प्रदुषण का गंभीर रूप ले सकता है। इसमें धूल और मिटटी के कण, फटी हुयी त्वचा कोशिकाएँ , बाल और कपडोंके रेशें, बैक्टेरिया , परागकण और प्लास्टिक के सूक्ष्म कण भी समाविष्ट होते है जिनका आकार ०.0001 माइक्रोन हो सकता है। हम जब इसे साफ करने की कोशिश करते है तो यह धूलिकण (Household Dust Particle) हमारे झाड़ू के मार से हवा में फ़ैल जाते है। जो कण बहुत हलके होते है वह फिर से घर की चीजोंपर और साथ में हमारे श्वसन नलिका के द्वारा फेफडोंमे जमा होते है। धूल के भरी कण एकसाथ जमा करके साफ कर देते है लेकिन फिर भी वह सिर्फ धूलिकण (Household Dust Particle) का सिर्फ ५०% होता है ; जो कभी भी हमारे घर से साफ नहीं होता जिसे हमारे फेफड़े हर दिन ग्रहण (Consume) करते है। इससे हमें अस्थमा , धूलिकणोंका छाती में जमाव होकर दिल और फेफड़े की Unpredictable बिमारियों (Heart Disease & Lungs Infections), त्वचा रोग (Skin Disease), साइनस और अलेर्जी (Allergically Disease) उत्पन्न हो सकती है। जो आगे चलकर हमारे आरोग्य और जीवन आयु (Life Span) को बुरे ढंग से प्रभवित करती है। वैक्यूम क्लीनर (Vacuum Cleaner) का इस्तेमाल करने से धूलिकण (Household Dust Particle) का 95% हिस्सा साफ कर लिया जाता है तथा पार्टिकल्स हवा में फैलने से प्रभावी रूप से रोका जा सकता है। बाजार में तथा ऑनलाइन शॉपिंग पोर्टल पे ५०००/- रुपये से लेकर ३५०००/- रुपयों तक वैक्यूम क्लीनर (Vacuum Cleaner) उपलब्ध है। अगर चाहे तो आप पूर्व परिक्षण (Demonstration at Home) द्वारा उसका चुनाव कर सकते है। वैक्यूम क्लीनर (Vacuum Cleaner) चुनते समय विक्री पश्चात सेवा (After Sales Service) प्रदान कर सके इसका ध्यान रखे।
3. एअर प्यूरीफायर (Air Purifier) :
ज्यादातर लोग इसके बारे में नहीं जानते। एअर प्यूरिफायर (Air Purifier) एक ऐसा डिवाइस है जो अपने आस पास के वातावरण की हवा को एक तरफ से अपने अंदर खींचता है और उसे अपने अंदर फिट किये गए छलनी से छलते हुए दूसरी तरफ से पुनः वातावरण में छोड़ देता है। यह डिवाइस हवा में मौजूद ९० माइक्रॉन से लेकर १० माइक्रॉन आकर के हवा प्रदूषक (Air Pollutants) को हवा से साफ करने का काम करता है।
हवा प्रदुषण हर एक की स्वास्थ्य पर प्रभावी रूप से तथा जल्द असर करता है। प्रदूषित हवा याने ऐसी हवा जिसमे बहुत सारे प्रदूषकोंका संग्रहण होता है। जो लगभग हर तरफ फैली हुई है; बस उसमें संगृहीत प्रदूषकोंका प्रमाण परिसर में उपलब्ध मानवी हस्तक्षेप के अनुसार कम अधिक होता है जिसे हम एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (Air Quality Index) के नाम से जानते है। यह एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (Air Quality Index) ० से ५०० अंक में नापा जाता है। ० से ५० अंक हवा की सबसे शुद्ध तथा पोषक गुणवत्ता को दर्शाता है। ५१ से ५००+ अंक हवा में प्रदूषकोंका संग्रहण और नकरात्मक गुणवत्ता की तीव्रता दर्शाती है।दुनिया के कुछेक शहर तो ऐसे है जहा हवा प्रदुषण इतना तीव्र है के वहां वास्तव्य करना किसी गैस चेम्बर में वास्तव्य करने से कम नहीं।
जैसे आपको पता होगा के आंतरराष्ट्रीय स्तर पे हवा प्रदूषण जो क्लाइमेट चेंज और ओज़ोन क्षरण का मूलरूप से कारन है को रोकने केलिए कई प्रकार के स्वयंसेवा संघठन तथा समितिया और कायदे कानून काम कर रहे है। इसमें काफी सारा फण्ड भी इकट्ठा किया जाता है। जिससे पता चलता है के हवा प्रदूषक (Air Pollutants) आज की तारीख में कितने व्यापक और अहम विषय है।
हवा प्रदुषण और उसका असर सिर्फ शहरोंके आवास व्यवस्था, ट्रैफिक से खच खच भरे सड़क और औद्योगिक परिवेशोंमेंही सिमित नहीं है। इसकी पंहुच दुनिया के हर कोने में है जहा मानवी क्रियाकलाप किये जाते है। अब यह हमारे घर तक आ चूका है। घर चाहे शहरी प्रभाग में हो या ग्रामीण प्रभाग में ; घर की आबो हवा अब काफी प्रदूषित हो चुकी है। हमारे परिवेश और घर की हवा में कई सारे गैसेस, धूलिकण (Household Dust Particle) और अन्य कई घातक पदार्थोंसे जैसे फटी हुयी त्वचा कोशिकाएँ , बाल और कपडोंके रेशें, बैक्टेरिया , परागकण और प्लास्टिक के सूक्ष्म कण भी समाविष्ट होते है जिनका आकार ०.0001 माइक्रोन तक हो सकता है। इन प्रदूषकोंको आप खुली आंखोसे भी घर में देख सकते हो। इन प्रदूषकोंका लम्बे समय तक श्वसन प्रक्रिया द्वारा ग्रहण करने से धूलिकणोंका छाती में जमाव होकर दिल और फेफड़े की बिमारियों (Heart Disease & Lungs Infections & Failure), रक्ताभिसरण समस्या, त्वचा रोग (Skin Disease), साइनस और अलेर्जी (Allergically Disease) उत्पन्न होती है। जो आगे चलकर हमारे आरोग्य और जीवन आयु (Life Span) को बुरे ढंग से प्रभवित करती है। इन प्रदूषकोंका असर ज्यादातर नकारात्मक और हानिकारक होता है लेकिन सही सावधानी और उपयोंके चलते हम इन्हें सकारात्मक रूप में बदल सकते है। इससे बचने केलिए हमें साफ परिवेश में ज्यादा से ज्यादा वक्त बिताना चाहिए। उदहारण के तौर पे देखा जाये तो A और B व्यक्ति अपने दिन के २४ घंटो में से १० घंटे अपने ऑफिस में ; तो बाकि का समय अपने घर में बिताते है। इन १४ घंटो में अगर A व्यक्ति अपना परिवेश एअर प्यूरिफायर (Air Purifier) के द्वारा साफ रख सकें तो वह B के मुकाबले हफ्ते के १६८ घंटो में से ९८ घंटे साफ और शुद्ध हवा प्राप्त करेगा जबकि B व्यक्ति A के मुकाबले सप्ताह के पुरे १६८ घंटे प्रदूषित हवा का ग्रहण करेगा। इस प्रमाण को ध्यान में रखते हुए A व्यक्तिकी उपरोक्त रोगोंकी संभावना काफी हद तक जरूर समाप्त होगी।
उन्हें लगता है कि वैक्यूम क्लीनर (Vacuum Cleaner) सिर्फ बड़े और ज्यादा रूम एरियावाले घरोंमे ही उपयोग किया जा सकता है। इतना ही नहीं यह बहुत महंगा और बड़े लोगोंके कामचोरी और दिखावे के चौचले होने के भी दावे किये जाते है। दोस्तों लेकिन अभी यह दावे समय के साथ बेकार हो गए है। हेल्थ सायन्स की माने तो घर में पाए जाने वाली धुल (Household Dust Particle) भी एयर पॉल्युशन का प्रभावी रूप है जो गांव से लेकर शहर तक के घरों में प्रदुषण का गंभीर रूप ले सकता है। इसमें धूल और मिटटी के कण, फटी हुयी त्वचा कोशिकाएँ , बाल और कपडोंके रेशें, बैक्टेरिया , परागकण और प्लास्टिक के सूक्ष्म कण भी समाविष्ट होते है जिनका आकार ०.0001 माइक्रोन हो सकता है। हम जब इसे साफ करने की कोशिश करते है तो यह धूलिकण (Household Dust Particle) हमारे झाड़ू के मार से हवा में फ़ैल जाते है। जो कण बहुत हलके होते है वह फिर से घर की चीजोंपर और साथ में हमारे श्वसन नलिका के द्वारा फेफडोंमे जमा होते है। धूल के भरी कण एकसाथ जमा करके साफ कर देते है लेकिन फिर भी वह सिर्फ धूलिकण (Household Dust Particle) का सिर्फ ५०% होता है ; जो कभी भी हमारे घर से साफ नहीं होता जिसे हमारे फेफड़े हर दिन ग्रहण (Consume) करते है। इससे हमें वैक्यूम क्लीनर (Vacuum Cleaner) का इस्तेमाल करने से धूलिकण (Household Dust Particle) का 95% हिस्सा साफ कर लिया जाता है तथा पार्टिकल्स हवा में फैलने से प्रभावी रूप से रोका जा सकता है। बाजार में तथा ऑनलाइन शॉपिंग पोर्टल पे ५०००/- रुपये से लेकर ३५०००/- रुपयों तक वैक्यूम क्लीनर (Vacuum Cleaner) उपलब्ध है। अगर चाहे तो आप पूर्व परिक्षण (Demonstration at Home) द्वारा उसका चुनाव कर सकते है। वैक्यूम क्लीनर (Vacuum Cleaner) चुनते समय विक्री पश्चात सेवा (After Sales Service) प्रदान कर सके इसका ध्यान रखे।
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